तकनीकी ने मानव जीवन को बेहद आसान बना दिया है, वर्तमान में सारे कार्य तकनीक से ही होते हैं, तकनीकी के कारण हम कम समय में किसी कार्य को कर सकते हैं। आज हम इस आर्टिकल में आपको तकनीकी के 1 पहलू सिलाई मशीन के बारे में बताएंगे। आज हम जो अच्छे-अच्छे कपड़े पहनते हैं, वह सिलाई मशीन के कारण ही संभव है, अगर सिलाई मशीन नहीं होती, तो अलग अलग प्रकार के कपड़े को नहीं सिला जा सकता था।
आप सब ने सिलाई मशीन को देखा होगा, आप सभी सिलाई मशीन के बारे में जानते भी होंगे, लेकिन क्या आपको पता है सिलाई मशीन का आविष्कार किसने किया? सिलाई मशीन जो वर्तमान स्थिति तक पहुंची है वह किस प्रकार से पहुंची है? इसका आविष्कार करने का श्रेय किस वैज्ञानिक को दिया जाता है? चलिए देखते हैं कि सिलाई मशीन का आविष्कार किसने किया और कब किया? और भारत में सिलाई मशीन की कीमत क्या है।
सिलाई मशीन की जानकारी
सिलाई मशीन का इतिहास बहुत सारे आरोपों, असफल प्रयासों, और असंख्य घोटालों से भरा हुआ है। सिलाई मशीन एक ऐसा यांत्रिक उपकरण है, जो किसी वस्त्र या अन्य वस्तु को परस्पर एक धागे या तार से जोड़ता है। लगभग 20000 साल पहले ही मनुष्य द्वारा सिलाई करना शुरू कर दिया गया था। लेकिन उस समय सिलाई मशीन का आविष्कार नहीं हुआ था। उस समय सुई को हड्डियों या फिर जानवरों के सिंगो से बनाया जाता था। 18 वीं शताब्दी में यूरोप में औद्योगिक क्रांति की शुरुआत हुई और यहां मैन्युअल सिलाई को कम करने के लिए नए-नए तरीके अपनाए गए।
सिलाई मशीन का आविष्कार किसने किया? Silai Machine Ka Avishkar Kisne Kiya?
सिलाई मशीन के आविष्कार का श्रेय हम किसी एक विज्ञानिक को नहीं दे सकते हैं। क्योंकि सिलाई मशीन जो वर्तमान स्थिति में पहुंची है, वह बहुत सारी स्थितियों से गुजर कर यहां पहुंची है। और बहुत सारे वैज्ञानिकों ने सिलाई मशीन का आविष्कार में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
पहला प्रयास
सिलाई मशीन का आविष्कार करने के लिए पहला प्रयास सन् 1755 में लंदन में काम करने वाले एक जर्मन मैकेनिक चार्ल्स विसेंट ने किया। इनकी मशीन में सुई में एक छेद था, और दोनों सिरे नुकीले थे इनकी मशीन में धागे को कपड़े के माध्यम से आगे पीछे कर सकते थे। लेकिन इनकी मशीन को अपनी विश्वसनीयता प्राप्त नहीं हुई।
दूसरा प्रयास
मशीन का आविष्कार का दूसरा प्रयास सन 1790 में थॉमस सेंट द्वारा किया गया। लेकिन इनके द्वारा अपनी सिलाई मशीन का सफलता पूर्वक वर्णन या विज्ञापन नहीं किया गया था। इनके मशीन का प्रयोग चमड़े या कैनवस सामग्री को सिलने के लिए किया जाता था। मशीन में मौची के सुई की भांति एक मोटा सुआ था जो कपड़े में छेद करता था। और धागे से भरी चरखी धागे को छेद के ऊपर ले आती थी। और कांटेदार सुई इस धागे का फंदा बनाकर नीचे ले जाती थी, जो नीचे एक हुक में फस जाता था, कपड़ा आगे सरकता और इसी तरह का एक और फंदा नीचे फंस जाता था, और हुक एक फंदे छोड़कर दूसरे फंदे में फंस जाता था।
इस प्रकार चेन की तरह सिलाई नीचे होती जाती थी। सेंट ने कपड़े पर हाथ से सिलाई को कम करने के लिए यह मशीन बनाई थी, वह कुशल कैबिनेट निर्माता थे लेकिन इनकी मशीन भी इतनी विश्वसनीय नहीं बनी क्योंकि इन्होंने अपनी मशीन का सफलता पूर्वक वर्णन नहीं किया था।
तीसरा प्रयास
सिलाई मशीन का आविष्कार में तीसरे वैज्ञानिक ने अपना योगदान दिया जिनका नाम बर्थेलिमी थोमेनियार था। इन्होंने 1830 में सिलाई मशीन बनाई थी, पहले यह मशीन लकड़ी से बनाई गई थी, इस मशीन में केवल एक धागा और एक सुई का प्रयोग किया जाता था। और यह केवल एक ही श्रृंखला में सिलाई करती थी। इनकी मशीन का उत्पादन काफी बढ़ गया, इसलिए कुछ दर्जियों ने इनकी मशीनों को नष्ट कर दिया। क्योंकि उन्हें लगता था कि इससे बेरोजगारी की दर बढ़ेगी।लेकिन फिर भी इन्होंने 1845 में अपनी लकड़ी की मशीन को लोहे की मशीन में बदल दिया,और पेटेंट ले लिया। और 1848 में इन्होंने इंग्लैंड और संयुक्त राज्य अमेरिका से भी पेटेंट ले लिया।
चोथा प्रयास
1834 में वोल्टेज हंट नामक वैज्ञानिक ने अमेरिका की पहली और कुछ हद तक सफल सिलाई मशीन का आविष्कार कर दिया था।शुरू में इन्होंने इसके पेटेंट में कोई रुचि नहीं दिखाई, क्योंकि उन्हें लगता था कि इससे बेरोजगारी बढ़ेगी,उन्होंने मशीन छेद वाली नोक ,दोहरा धागा और दोहरी पहिया वाली मशीन बनाई। इन्होंने मशीन में गोल घूमने वाले हैंडल के साथ एक गोल छेदिली नोक की सुई लगाई थी।
जो कपड़े में छेद करके नीचे जाती थी और उस कपड़े में से एक छोटी सी धागे भरी चरखी निकलती थी इसमें एक फंदा था जो नीचे फंस जाता था।और उसमें ऊपर आ जाती थी उन्होंने 1853 में अपने पेटेंट के लिए आवेदन किया था।लेकिन इन्हें पेटेंट नहीं मिल सका क्योंकि इनसे पहले की इस मशीन का पेटेंट ले लिया गया था।
पांचवा प्रयास
इलायंस होम ने भी सिलाई मशीन के अविष्कार में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इलायंस होम को सिलाई मशीन की खोज का सबसे बड़ा श्रेय दिया जाता है। उन्होंने अब तक जितने भी सिलाई मशीन का आविष्कार किया गया उनमें जो भी कमियां थी उनको दूर करके एक बेहतर सिलाई मशीन का आविष्कार किया।
पांचवा प्रयास
1850 से पहले सिलाई मशीन का उत्पादन नहीं किया गया था। इसाक सिंगर ने पहली व्यापारिक सिलाई मशीन का आविष्कार किया, इन्होंने अप एंड डाउन यंत्र का प्रयोग करके सिलाई मशीन का आविष्कार किया। इनकी मशीन में सुई ऊपर से नीचे होती थी, और इसका प्रयोग पैरों से किया जा सकता था। इससे पहले कि जो मशीनें थी उनमें सुई दाएं से बाएं जाती थी और उन्हें हाथ से चलाया जाता था।
1889 में इशाक सिंगर द्वारा इलेक्ट्रिक मशीन बनाई गई। इनकी मशीन में एक बिजली मोटर थी जिसके प्रयोग से मशीन अपने आप चलती थी। 1970 के बाद यह मशीन लोकप्रिय हो गई 19वीं शताब्दी के आखिर तक भारत में भी मशीनों का प्रयोग किया जाने लगा।
भारत में बिभिन्न कंपनी के सिलाई मशीन की कीमत 2021-2022
भारत में बहुत सारे कंपनी सिलाई मशीन बनाते है उनमे से कुछ ये है उनके कीमत के साथ जैसे की –
- उषा बंधन सीधी सिलाई समग्र सिलाई मशीन की कीमत ₹ 4,899
- उषा बंधन सीधी सिलाई सिलाई मशीन की कीमत ₹ 4,449
- ब्रदर FS101 कम्प्यूटरीकृत सिलाई मशीन की कीमत ₹ 20,750
- उषा ड्रीम स्टिच इलेक्ट्रिक सिलाई मशीन की कीमत ₹ 8,999
- उषा क्राफ्ट मास्टर डीलक्स सिलाई मशीन की कीमत ₹ 8,700
- सिंगर टेलर डीलक्स मैनुअल सिलाई मशीन की कीमत ₹ 4,789
- अमी मिनी स्टेपलर स्टाइल हैंड सिलाई मशीन की कीमत ₹ 3499
- उषा जेनोम एल्योर सिलाई मशीन की कीमत ₹ 12,890
- सिंगर प्रॉमिस Fm1408 इलेक्ट्रिक सिलाई मशीन की कीमत ₹ 7,499
- लिबर्टी सिलाई मशीन मोटर (नियामक के साथ) कीमत ₹ 9,999
- उषा स्टिच मैजिक इलेक्ट्रिक सिलाई मशीन की कीमत ₹ 19,699
- उषा दर्जी डीलक्स सिलाई मशीन की कीमत ₹ 4,395
- कवर मैनुअल सिलाई मशीन की कीमत के साथ उषा बंधन कम्पोजिट ₹ 4,199
- उषा वंडर इलेक्ट्रिक सिलाई मशीन ( बिल्ट-इन स्टिच 13) की कीमत ₹ 12,490
- ब्रदर जीएस-3700 इलेक्ट्रिक सिलाई मशीन की कीमत ₹ 15,460
- उषा जेनोम ऑटोमैटिक स्टिच मैजिक 85W सिलाई मशीन की कीमत ₹ 18,448
निष्कर्ष
इस आर्टिकल में हमने आपको सिलाई मशीन के बारे में जानकारी प्रदान की, जैसे की सिलाई मशीन का आविष्कार किसने किया? बिभिन्न सिलाई मशीन की कीमत, सिलाई मशीन के अविष्कार में किन-किन वैज्ञानिकों का योगदान है?
सिलाई मशीन के आविष्कार का श्रेय हम किसी एक विज्ञानिक को नहीं दे सकते हैं। क्योंकि इसके पीछे एक से अधिक वैज्ञानिकों का योगदान रहा है। उम्मीद है कि आर्टिकल आपको पसंद आया होगा!इसे अपने फ्रेंड के साथ ज्यादा से ज्यादा शेयर करें, और ऐसे ही आर्टिकल पढ़ने के लिए वेबसाइट को दोबारा से जरूर विजिट करें आर्टिकल पढ़ने के लिए धन्यवाद! और अगर आपको लगता है कि इस आर्टिकल में किसी प्रकार की सुधार की आवश्यकता है तो आप कमेंट बॉक्स में हमें अपनी राय जरूर दे सकते हैं हमें आपकी राय का स्वागत होगा।
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FAQ
सबसे पहले किस कंपनी ने सिलाई मशीन को व्यापारिक रूप प्रदान किया?
Singer (संयुक्त राज्य अमेरिक)और PFAAF ( इंग्लैंड)
भारत में सबसे पहले सिलाई मशीन की शुरुआत कब हुई?
भारत में सिलाई मशीन की शुरुआत 1935 में हुई।
भारत में सबसे पहले किस कंपनी ने सिलाई मशीन बनाई?
भारत में सबसे पहली उषा नाम की कंपनी ने कलकत्ता में सिलाई मशीन बनाई।
भारत की सबसे अच्छी सिलाई मशीन कौन सी है?
*ऊषा जानोम ड्रीम स्टिच सिलाई मशीन
*सिंगर स्टार्ट 1306 सिलाई मशीन
*ऊषा जानोम वंडर स्टिच सिलाई मशीन