जीएसटी क्या है? वस्तु एवं सेवा कर | जीएसटी के प्रकार | जीएसटी का फुल फॉर्म | GST In Hindi

बहुत लोगों का मन में आता होगा की जीएसटी क्या है? जीएसटी कितने प्रकार के होते हैं? भारत में तो बहुत सारी Tax भर जाता है पर GST किस प्रकार का Tax है ये आज हम जानेंगे विस्तार में। 

जीएसटी क्या है? What is GST in Hindi

जीएसटी क्या है? GST एक प्रतिस्थापन Tax है Excise Duty, VAT, Services Tax और अन्य अप्रत्यक्ष Tax की।आसान भाषा में कहा जाए तो Excise Duty, VAT, Service Tax जैसे अन्यों अप्रत्यक्ष Tax को हटा कर उनके बदले एक ही Tax प्रणाली जीएसटी का आरंभ हुआ जिससे उन सब अप्रत्यक्ष Tax भी वसूल किया जा सके। 

जीएसटी का फुल फॉर्म क्या है?

जीएसटी का फुल फॉर्म Goods And Service Tax है

जीएसटी कब लागू हुआ था?

असल मैं GST योजना सबसे पहले साल 2000 मैं हुआ था। 

भारत के तत्कालीन सरकार आतल बिहारी बजपायी के सरकार के द्वारा ही जीएसटी का प्रस्ताव रखा गया था । उस समय भारत की सभी राज्यों की बित्त मंत्रियों ने अपने अपने राज्यों की VAT संरचना की अनुभव के आधार पर GST की संरचना बनाने के लिए एक Committee का गठन किया था।केंद्र और राज्य की सभी प्रतिनिधियों से अनुरोध किया गया था की वे सब GST प्रस्ताव की सब पहलू पर जांच करें और थ्रेसोल्ड, छूट, अंतर राज्य आपूर्ति के कराधान और सेवाओं के कराधान पर रिपोर्ट तैयार करें। 

इस नई Tax व्यवस्था के विकसित होने में 17 साल लग गए और अंत में साल 2017 को लोकसभा और राज्यसभा पर अनुमोदन मिल गया और उस साल 1 जुलाई में GST को पूरे देश में कानून में लाया गया। 

जीएसटी लागु होने पर कौन कौन से टैक्स को हटाया गया

  • Central Tax :-
  • Central Excise Tax (उत्पाद सुल्क)
  • Central Sales Tax  (बिक्री कर)
  • Service Tax (सेवा कर)
  • Additional Duties of Customs (सीमा सुल्क के अतिरिक्त सुल्क) 
  • Additional Duties of Excise (उत्पाद सुल्क के अतिरिक्त सुल्क) 
  • Excise Duties levied under the Textiles and Textiles Products (कपड़ा और कपड़ा की उत्पादों की सुल्क)
  • State Tax :-
  • Purchase Tax (खरीद सुल्क)
  • Central sales Tax (केन्द्रीय बिक्री सुल्क)
  • VAT 
  • Surcharges and CESS 
  • Entry Tax (परबेश सुल्क)
  • Taxes on Lottery, Gambling and Betting (लटेरी जुआ और सट्टेबाजी का सुल्क)
  • Taxes on Advertisements (बिज्ञापन सुल्क)

जीएसटी के प्रकार | Types Of GST

GST 3 प्रकार के होता है 

  1. CGST – जब एक राज्य के भीतर कोई सामान का बिक्री होता है तब भारत के केंद्र सरकार के द्वारा जो GST वसूल किया जाता।
  2. SGST – जब एक राज्य के अंदर ही कुछ सामान बिक्री होता है तब केंद्र सरकार के साथ साथ राज्य सरकार को भी Tax देना पड़ता है। राज्य सरकार को जो Tax हम देते हैं उसको SGST अथवा State GST कहा जाता है। 
  3. IGST – जब दो राज्यों की बीच कोई सामान का बिक्री होता है तब केंद्र सरकार Tax वसूल करता है उसको IGST कहा जाता है। 

आसन भाषा में कहा जाए तो एक राज्य के अंदर कोई सामान का बिक्री होता है तो केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों को ही Tax देना होता है। (CGST+SGST)और जब एक राज्य की सामान कोई दूसरा राज्य में बिक्री होता है तो सिर्फ केंद्र सरकार को ही Tax देना होता है। (IGST)

जीएसटी के लाभ 

देखा जाएं तो जीएसटी के कई सारे फायदे है उनमे से कुछ ये है –

  • एक देश एक Tax कानून

GST आने के पहले Tax व्यवस्था बहत ही जटिल हुआ करते थे। देश के हर एक राज्यों मैं उनका ही Tax का कानून चलता था।हर एक राज्य अलग अलग शुल्क जैसे VAT,केन्द्रीय बिक्री कर सेवा कर,उत्पाद शुल्क,आदि अपने हिसाब से लगाया करते थे इसलिए एक ही सामान और सेवा कर की कीमत अलग अलग राज्यों में अलग अलग हुआ करती थी ।इस सब की वजह से राज्यों को तो फाइदा होता था पार देश की अर्थनीति पर उसका कुप्रभाब पड़ता था।इस लिए पूरे देश के लिए एक ही Tax कानून लगाने पर सब राज्यों मैं भिन्नता वाला Tax व्यवस्था बंद हो गया और देश की अर्थनीति मैं थोड़ा सुधार आया। 

  • वस्तुओं की कीमत पर नियंत्रण 

GST के पहले जो Tax प्रणाली था उसमें सामान की बहुत सारी Tax लगा करता था जैसे की ऊपर की Point पर बताया गया है  एक वस्तु के उत्पादन के प्रत्येक चरण पर तब तक कर लगाया जाता था जब तक कि उसे अंतिम उपभोक्ता को नहीं बेचा जाता। एक बस्तु Tax की बिभिन्न चरणों से गुजरने के कारण उसका कीमत स्वतः प्रभुत बढ़ जाता था तौ GST की मदत से बस्तुओं की कीमात थोड़ा काम गया। 

  • GST के संरचना योजना से छोटे ब्यबसाई लाभान्वित हुए 

कम कर और कर अनुपालन को प्रोत्साहित करने के लिए, जीएसटी के तहत संरचना योजना शुरू की गई थी।योजना के तहत पंजीकृत छोटे व्यवसाय मालिकों को अपने कारोबार पर एक निश्चित प्रतिशत कर का भुगतान करना होता है।इसके अलावा, नियमित जीएसटी करदाताओं के विपरीत, संरचना योजना के तहत पंजीकृत छोटे व्यवसायों को एक तिमाही रिटर्न दाखिल करने की आवश्यकता होती है।संरचना योजना के तहत कर की दरें निम्नलिखित हैं:

  1. 1.50 करोड़ रुपये के कारोबार वाले छोटे व्यवसायी 1% की एक प्रत्यक्ष GST दर का भुगतान करेंगे। वे अब केवल एक टैक्स रिटर्न दाखिल करेंगे।
  2. 50 लाख रुपये के वार्षिक कारोबार वाले छोटे सेवा प्रदाता अब 18% के बजाय 6% जीएसटी का भुगतान करेंगे।
  • Tax Return करने की व्यवस्था को आसान कर दिया

पिछले Tax प्रणाली पर बहत सारे अप्रत्यक्ष कर मोजूद थे इस लिए बिभिन्न अप्रत्यक्ष कारों  के लिए पंजीकृत ब्यबसियों को कई अनुपालनों का सामना करना पड़ता था।जैसी की 

  1. उत्पाद सुल्क Return – मासिक/त्रैमासिक ब्यापार इकाई के पैमान पर निर्भर करता है । (बड़ा ब्यबसाय ,EOU अथवा SSI)
  2. Service Tax -अर्ध बार्षिक Return 
  3. मूल्य वर्धित कर – मासिक/त्रैमासिक उस राज्य पर निर्भर करता है जो VAT वसूल करने के लिए जिम्मेदार हैं।

GST तहत Tax Return करने मैं इतनी जातिलों से नहीं गुजरना पड़ता है। और वैसे भी Online व्यवस्था के वजह से GST पंजीकरण और Return दाखिल करना और भी आसान हो गया। 

FAQ’s

  1. जीएसटी का फुल फॉर्म नाम क्या है?

    जीएसटी का फुल फॉर्म गुड्स एंड सर्विस टैक्स (Goods and Service Tax)

  2. कितना कारोबार जीएसटी पंजीकरण के लिए आवश्यक?

    जिसका बार्षिक याय 20 लाख अथवा उससे ज्यादा है सिर्फ उनको ही GST भरना होता है। 

  3. साल मैं कितने बार GST भरना होता है ?

    साल के हर महिना। 

  4. समय पर GST ना भरने से क्या होता है ?

    देय कर राशि का 10% जुर्माना जो न्यूनतम 10,000 भरना होगा। 

और पढ़ेंक्रिप्टो करेंसी क्या है?

IFSC Code Kya Hota Hai? IFSC Ka Full Form Kya Hai?

निष्कर्ष (जीएसटी क्या है?)

ये तो तय है की GST के प्रभाब से देश की अर्थनीति मैं थोड़ा सुधार आया और करदाताओं के लिए भी Tax Return करना आसान हो गया । तो दोस्तों आज हमने जीएसटी क्या है? वस्तु एवं सेवा कर | जीएसटी के प्रकार के बारे में विस्तार से समझने की कोशिश की है और अगर आपको यह पोस्ट पसंद आया तो Comments करके जरूर बताएं और अपने दोस्तों मैं जरूर Share करें धन्यवाद। 

Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x