क्या आपको पता है की डीमैट अकाउंट क्या है? शेयर, बॉन्ड या स्टॉक खरीदने के लिए इसका इसकी जरुरत क्यों होती है और ये कैसे सहायक होता है? तो आइये जानते है डीमैट अकाउंट के बारे में इस आर्टिकल के जरिये विस्तार में।
डीमैट अकाउंट क्या है?
डीमैट या डीमैटरियलाइज्ड अकाउंट एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक अकाउंट है जिसमें शेयर और सिक्योरटी रखने के लिए सुविधा होती है। इस तरह के खाते का उपयोग आसानी से इलेक्ट्रिक रूप में सरकारी प्रतिभूतियां, शेयर, E.T.F, म्युचुअल फंड का निवेश किया जा सकता है। भारत में यह सुविधा नेशनल सिक्योरटी डिपोजिटरी लिमिटेड(N.S.D.L) द्वारा दी जाती है।
शेयर बाज़ार में प्रवेश करने वाले निवेशकों के लिए रेगुलर डीमैट अकाउंट की जरुरत होती है, शेयर ट्रेडिंग के लिए भी डीमैट अकाउंट का उपयोग होता है।
डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं?
रेगुलर डीमैट अकाउंट-
ये अकाउंट भारतीय निवेशक और ट्रेडर्स के लिए है जो देश में ही रहते हैं और यही पर शेयर बाजार में निवेश करते है।
ये डीमैट अकाउंट किसी डिपोजिटरी पर रजिस्टर्ड ब्रोकर के पास खुलवा सकते हैं, ख़रीदा हुआ शेयर्स इस अकाउंट में डिजिटल रूप में रखा जाता है।
रिपेट्रायबल डीमैट अकाउंट-
ये खाता नॉन रेजिमेंट इंडियन्स (N.R.I.)के होता है ,इससे नॉन रेजिमेंट इंडियन्स शेयर बाजारों में निवेश करते है।ट्रेडर्स इस अकाउंट के जरिए विदेशो में फंड ट्रांसफर करते है,लेकिन इसमें वहीं निवेश कर सकते हैं,जिनके पास (N.R.E) बैंक अकउंट होना चाहिए।
इसमें ज्वाइंट होल्डर भी खाता खोल सकते है बशर्ते वो भारत का नागरिक होना चाहिए।
नॉन रेजिमेंट इंडियन्स को अकाउंट खोलने के लिए पासपोर्ट की एक कॉपी,Pan card, वीजा,विदेश का पता जहां वो रहते है,पासपोर्ट साइज फोटो, fema डिक्लेरेशन, और N R.E, N.R.O खाते का खारिज चेक भी होना चाहिए।
नॉन रिपेट्रायबल अकाउंट
इस अकाउंट में भी फंड ट्रांसफर ही होता है लेकिन दूसरे देश ट्रांसफर नहीं कर सकते हैं, इसमें भी N.R.O बैंक अकाउंट की जरूरत होती हैं, लेकिन इसमें भारत और विदेश दोनों में N.R.O अकाउंट होना चाहिए।
डीमैट अकाउंट कैसे खोलें या डीमैट अकाउंट खोलने की प्रक्रिया
इसको खोलने के लिए पैन कार्ड, बैंक अकाउंट नंबर, पहचान पत्र,पते का प्रूफ दस्तावेज जरूरी हैं। डिमैट अकाउंट खोलने की प्रक्रिया निम्न प्रकार से है –
- सबसे पहले ब्रोकर की वेबसाइट पर जाएं फिर अकाउंट खोलने का फॉर्म भरे जिस दिन मैं आपको अपना नाम, पता, पैन कार्ड, बैंक डिटेल्स भरनी होती है एवं सबसे उपयुक्त ब्रोकरेज प्लान को सिलेक्ट करना होता है।
- आधार कार्ड, पैन कार्ड, कैंसिल चेक, जैसे डॉक्यूमेंट की स्कैन कॉपी अपलोड करनी होती है, एवं निवेशक की पासपोर्ट साइज फोटो, एवं स्कैन किए हुए सिग्नेचर भी अपलोड करने होते हैं।
- इस फॉर्म को भरने के बाद ओटीपी के जरिए आधार वेरीफिकेशन प्रक्रिया का इस्तेमाल करते हुए साइन अ प कर दिया जाता है जिसके बाद आपका अकाउंट खुल जाता है, अब आप इसमें फंड ट्रांसफर भी कर सकते हो ट्रेंडिंग भी कर सकते हो।
डीमैट अकाउंट के फायदे
- किसी भी व्यक्ति के मैन्युअल हस्तक्षेप के बिना ही शेयरोंका ट्रांसफर ऑटोमेटिक हो जाता है।
- शेयर सर्टिफिकेट को कोई नुकसान एवं चोरी की समस्या नहीं होती।
- विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजारों और स्टॉक मार्केट पर भरोसा बढ़ जाता है जिससे कि वह भारत में ज्यादा से ज्यादा निवेश कर पाते हैं जो हमारे भारत के विकास के लिए बहुत जरूरी है।
- डिमैट अकाउंट से पहले ट्रेडर्स या निवेशकों को खरीदे के शेयरो की ओनरशिप पाने के लिए कंपनी के रजिस्ट्रार को भेजने की जरूरत होती थी वर्तमान में जिसका डिमैट अकाउंट है वह स्वयं शेयरोका मालिक होता है।
- अपने डिमैट अकाउंट का उपयोग म्यूच्यूअल फंड ,गोल्ड ईटीएफ जैसे सेगमेंट केनिवेश के लिए भी कर सकते हैं।
- वर्तमान में कोई ओड- लोट (100से कम शेयर) की कोई समस्या नहीं है अब आप एक शेयर भी खरीद सकते है।
- ट्रेंडिग करना बहुत आसान हो गया है अब आप बिना किसी ब्रोकर की सहायता के अपने लैपटॉप ,मोबाइल,से ऑनलाइन ट्रेंडिग कर सकते है।
- एक खाते से दूसरे खाते में शेयर का ट्रांसफर भी आसान हो गया है।
- नॉमिनी की भी जोड़ सकते है।
- अब इस अकाउंट को बंद भी ऑनलाइन कर सकते है।
डीमैट अकाउंट के नुकसान
वार्षिक रख – रखाव का खर्च
एक डिमैट अकाउंट धारक को वार्षिक रख रखाव का शुल्क (A.M.C)देना पड़ता है। अगर आप के पास एक शेयर है फिर भी आपको शुल्क देना होता है ,जो कभी कभी शेयर से भी अधिक हो जाता है।
तकनीकी जानकारी
वर्तमान में ट्रेंडिग पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक हो गया है ,शेयर मार्केट में ट्रेंडिग करने के लिए आपको कंप्यूटर का अच्छा ज्ञान होना चाहिए।अगर आपको इसका ज्ञान नहीं है तो आपके लिए समस्या हो सकती है। किस तरह से ट्रेड करना है समय समय पर अपने डिमैट अकाउंट को जाचना इसके लिए तकनीकी जानकारी होना जरूरी है।
शेयर ट्रेडिंग की है फ्रीक्वेंसी
शेयर का डिमेटेरियलाइजेशन के कारण ,शेयर मार्केट में ट्रेंडिग सिर्फ एक क्लिक से कर सकते है, जिससे आप अक्सर अपने स्टॉक के ऑनलाइन वेल्यू की जांच कर सकते है। जब शेयर भौतिक रूप से उपलब्ध थे तब यह मुमकिन नहीं था जिसके परिणामस्वरूप लॉन्ग ट्रम के लिए निवेश करने की फ्रीक्वेंसी खत्म हो जाती थी और ट्रेडर अधिक ट्रेंडिग करने लगती है।
इसका समाधान ये हैं की आप थोड़े टाइम लेके ट्रेंडिग करे।
एडिशनल कंट्रांट –
डिपोजिटरी पार्टिसिपेट को डिमैट रिलाइजेशन की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए विभिन्न स्तरों पर एडिशनल रखने पड़ते है।
स्टॉक ब्रोकर का नियमित निरीक्षण
एक डिमैट अकाउंट धारक को नियमित निरीक्षण करना पड़ता है।
अगर आप भी डिमैट अकाउंट खुलवाना चाहते हैं तो हमने निचे कुछ ऐप के का सूचि बताया है जिससे आप अपना डीमैट अकाउंट खुलवा सकते हैं और शेयर में निवेश कर सकते हैं।
हम आशा करते है की आप शेयर मार्केट की पूरी जानकारी लेके ही निवेश करेंगे और बहुत सारा पैसा कमाएंगे। और शेयर मार्केट से रिलेटेड और भी जानकारी पाने के लिए हमारे बाकि आर्टिकल्स को भी पढ़ें जिससे आप को इसके बारे में पूरी जानकारी मिले और निवेश करने में सहायक हो। शेयर मार्केट से रिलेटेड हमारे बाकि आर्टिकल्स –
- शेयर मार्केट कैसे सीखे और शेयर बाजार से पैसे कैसे कमाए?
- इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है? इंट्राडे ट्रेडिंग से पैसे कैसे कमाए?
इस आर्टिकल से हमें क्या जानकारी मिली?
हर सिक्के के 2 पहलू होते हैं हर वस्तु में अच्छाई भी है, और कमी भी है डिमैट अकाउंट का भी ऐसा ही है इसके लाभ भी हैं तो नुकसान भी हैं।
आशा करते है कि यह पोस्ट आप के लिए मददगार रहा होगा। और आशा है कि अब आप डीमैट अकाउंट क्या है? इसे खोलने की प्रक्रिया? डीमैट अकाउंट के लाभ और नुकसान जान गए होंगे। हम आपके सुझावों और योगदान की सराहना करते हैं। अपनी सुझाव देने के लिए नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में कमेंट करके हमें जरूर बताइये। शुक्रिया!
FAQs
डीमैट अकाउंट कहाँ से खोलें?
अगर आप डिमैट अकाउंट खुलवाना चाहते हैं तो UPSTOX, ZERODHA से आप अपना डीमैट अकाउंट खुलवा सकते हैं
डीमैट अकाउंट क्या काम आता है?
शेयर और सिक्योरटी रखने के लिए सुविधा होती है।
डिमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं?
मुख्य रूप से 3 प्रकार के डीमैट अकाउंट हैं – रेगुलर डीमैट अकाउंट, रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट और नॉन-रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट