जब हम कहीं पर रात के समय जाते है तो हमे रात दिन में कोई जायदा फर्क नहीं लगता। अगर हम किसी बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट या किसी भी प्रकार के ऑफिस में जाते है तो इन जगहों की चकाचौंध को देखकर यही लगता है कि मानो दिन में सूरज निकल आया है। तो यह बल्ब के कारण ही है। की हमे दिन और रात में कोई फर्क नहीं लगता।
हमारे जीवन में इन अंधरो को हटाकर है हमारी ज़िन्दगी में इन उजालों को लाने वाले वैज्ञानिकों का हमारे जीवन में क्या महत्वपूर्ण योगदान है ये बताने की शायद कोई जरूरत नहीं है। क्योंकि सब ये जानते ये वैज्ञानिकों कि ही दिन रात की मेहनत है जिससे हम आज विभिन्न प्रकार की तकनीकी का उपयोग करते है। और इन तकनीकों ने हमारे जीवन को बेहद आसान बना दिया है। तो आइये जानते हैं की बल्ब का आविष्कार किसने किया था? और सबसे पहले किसने किया था।
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बल्ब का आविष्कार किसने किया था? Bulb Ka Avishkar Kisne Kiya Tha?
बल्ब का अविष्कार किसी एक ने नहीं किया था इसके सफल परीक्ष्यण के लिए बोहत साल लगे थे तो आइये जानते हैं की किसने किया था और कितने परीक्ष्यण के बाद इसका सफल परीक्ष्यण हुआ था।
पहला प्रयास
1945 में जन्मे Alessandro Volta ने पहली बार जिंक और कॉपर का उपयोग करके इलेक्ट्रिक बैटरी को बनाया था। जो फर्स्ट इलेक्ट्रॉनिक केमिकल सेल थी। जिसके दोनों तरफ एक कॉपर वायर से कनेक्ट किया गया। इसके बाद इन्होंने एक हाइट्रोजन लैंप बनाया जिसके कांच के अंदर हाइड्रोजन गैस थी। जो किसी प्रकार के दबाव से बाहर निकलती ओर फिर इलेक्ट्रिसिटी का उपयोग करके चिंगारी उत्पन करती थी जो हाइट्रोजन को जला देती गेस के जलने से प्रकाश उत्पन होता जिससे उजाला होता था।
दूसरा प्रयास
हमफरी DAVY ने 1802 में इलेक्ट्रिसिटी का उपयोग करके एक बैटरी बनाई। फिर एक कार्बन डॉट्स को वायर से इस बैटरी से जोड़ा और ये जुड़ते ही जलने लगा और प्रकाश हुआ इसे इलेक्ट्रिक आर्क लैंप कहा गया। इससे जायदा रोशनी आती ओर ऊर्जा जायदा खर्च होती इसलिए ये एक जायदा प्रभावी आविष्कार नहीं है।
तीसरा प्रयास
1840 तक यह पता चल गया था कि बल्ब का सिद्धांत क्या है? कौनसी धातु इसके लिए सबसे अच्छी है। बल्ब के फ्लेमिंग को बनाने के लिए एक हाई रेजिस्टेंस वाला एलेमेंट चाहिए था। एलीमेंट जितना पतला होता था, उससे उतना जायदा रेजिस्टेंस होता ओर वह बल्ब उतना जायदा जलता और जलने के लिए कम ऊर्जा खर्च करता। इसलिए एक ब्रिटिश वैज्ञानिक वॉरेन डे ला रू ने प्लेटिनम फ्लेमिंग का उपयोग करके एलीमेंट बनाया। लेकिन प्लेटिनम एक महंगा एलीमेंट था इसलिए ये आविष्कार भी असफल रहा। क्योंकि इतना महंगा बल्ब खरीदना एक आम इंसान की बस की बात नहीं है।
चोथा प्रयास
14 जुलाई 1874 को कनाडा के हेनरी वुडवार्ड एंड मैथ्यू इवांस ने कनाडा सरकार से अपने आविष्कार के लिए पेटेंट ले लिया उनके पेटेंट का नंबर था 3738।
उन्होंने नाइट्रोजन गेस और अलग अलग साइज के कार्बन डॉट्स का उपयोग करके बल्ब बनाया। इन्होंने बड़े ग्लास ट्यूब में नाइट्रोजन गेस भरकर उन डॉट्स को वायर से कनेक्ट करके एक सफल बल्ब बनाया। इनके द्वारा बनाए गए बल्ब में पिछले बनाए गए बल्ब से कम कमिया थी मतलब कि ये एक सफल आविष्कार था।
लेकिन इन दोनों ने 1879 को अपने इस आविष्कार को एडिसन को बेच दिया।
पांचवा प्रयास
अब जोसेफ स्वान इंग्लैंड के रहने वाले थे इन्होंने कार्बन फ्लेमिंग और वेक्युम का उपयोग करके 1850 में ही बल्ब बनाने में अपना योगदान दें रहे थे। 1880 में इन्होंने कॉटन धागे का उपयोग करके बल्ब बनाया। जिसमें वे सफल भी हुए और उन्हें अपने इस आविष्कार के लिए पेटेंट भी मिल गया।
छटा प्रयास
11 फरवरी 1847 को जन्मे एडिसन ने पहली बार कार्मिसियली, प्रैक्टिल रूप से बल्ब बनाया। 1878-1880 तक ये और उनकी टीम 3000 से भी अधिक बल्ब बनांकर टेस्ट कर चुकी थी ।1879 में काबोनाइज्ड फ्लेमिंग का उपयोग करके इन्होंने बल्ब बनाया और उसका पेटेंट भी बना लिया।
इस प्रकार हम देखते है कि बल्ब के आविष्कार का श्रेय हम किसी एक वैज्ञानिक को नहीं दे सकते इस महत्वपूर्ण आविष्कार में बहुत सारे वैज्ञानिकों का बहुमूल्य समय और योगदान दिया गया है। हां ये बात सही है कि सम्पूर्ण रूप से एक सफल बल्ब का आविष्कार एडिसन ने ही किया।
जैसा कि हमने ऊपर पढ़ा की बल्ब का सफल आविष्कार 6 प्रयासो के बाद हुआ आज हमारा जीवन को इतने उजालों से भरा हुआ है उसके पीछे बहुत सारे वैज्ञानिकों की सालों की मेहनत का असर है।
निष्कर्ष
इस आर्टिकल में हमने आपको बल्ब का आविष्कार किसने किया के बारे में बताया हमारे जीवन को घोर अंधरे से निकाल कर इन उजालों में जो वैज्ञानिक हमे लेकर आए अपने जीवन के महत्वपूर्ण समय को अंधेरे में बिताकर दुनिया को रोशनी दी उन सब वैज्ञानिकों के योगदान के बारे में हमने आपको बताया। किसी भी आविष्कार के पीछे किसी एक वैज्ञानिक का हाथ नहीं होता। बहुत सारे वैज्ञानिकों की मेहनत होती है। ये बात जरूर है कि वे सब सफल नहीं हो पाते लेकिन वो किसी आविष्कार का आधार जरूर तय करते है।
हम किसी आविष्कार का श्रेय केवल उसी वैज्ञानिक की देते है जिसने सफल परीक्षण किया हो। इसलिए बल्ब के आविष्कार का श्रेय एडिसन को दिया जाता है।क्योंकि उन्होंने ही सफल परीक्षण किया था। उम्मीद है कि ये आर्टिकल आपको पसंद आया होगा अगर हां तो कमेन्ट बॉक्स में अपनी राय जरूर दे। और अगर आपको लगता है कि इस आर्टिकल में किसी भी प्रकार के कोई सुधार कि आवश्यकता है तो आप हमे सुधार सूझा सकते है। हम आपके द्वारा सुझाएं गए सुधारो को अपने आर्टिकल में अपनाने की शुरुआत करेंगे। आर्टिकल पढ़ने के लिए धन्यवाद!
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FAQ
बल्ब का आविष्कार करने वाले एडिसन का जन्म कब हुआ?
थॉमस एडीसन का जन्म 11 फरवरी 1847 को मिलान ओहायो ( अमेरिका में हुआ)
घड़ी का आविष्कार किसने किया?
घड़ी का आविष्कार ब्लेज़ पास्कल ने किया।